कम से कम झज्जर-दुलीना के
कुक्कर लंगूर-बंदर चूहे औ छुछूंदर
अब भगवद्भक्तों से
अपनी उपेक्षा का हिसाब मागेंगे
कथित देव महादेव, श्रीराम और गणेश के
अनथक सहयोगियों सवारियों के ये वंशज
श्रद्धालुओं से गौमाता की तरह का
वाजिब हक मान चाहेंगे
दलितों से ऊपर के दर्जे से अन्यून का
संघी सर्टिफिकेट लेकर
वे क्यों न भक्तों के बीच जाना चाहेंगे
और संक्रामक गति से बढ़ती
भक्त जनसंख्या को
अनुकूलित करने हेतु
उन्हें यथेष्ट पूजास्पद विकल्प
मुहैया करायेंगे !
हनुमान जयंती 2005
भक्त अनुकूलन - मुसाफिर बैठा


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